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शिवरात्रि पूजा संपूर्ण जानकारी

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शिवरात्रि की पूजा .. महा शिवरात्रि Maha Shivratri फाल्गुन कृष्ण पक्ष में चतुर्दशी को मनाई जाती है। वर्ष 2023 में महा शिवरात्रि, Maha Shivratri का पर्व 18 फरवरी शनिवार को मनाया जाएगा। शास्त्रों में भगवान शंकर जी को प्रसन्न करने के लिए शिवरात्रि की पूजा, का बहुत महत्त्व बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि दिन से ही सृष्टि का प्रारंभ हुआ था। यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ है। अर्थात शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और शक्ति के मिलन के रूप में मनाया जाता हैं। हमारे धर्मिक ग्रंथो गरुड़ पुराण, स्कन्द पुराण, पद्मपुराण और अग्निपुराण आदि में भी शिवरात्रि का वर्णन मिलता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत रख कर शंकर जी की अराधना करने से भगवन भोलेनाथ की असीम कृपा मिलती है। कहते हैं कि अगर शिवरात्रि के दिन श‍िवल‍िंग पर कुछ खास चीजें अर्पित की जाएं तो भगवान श‍िव से आसानी से मनचाहा वरदान पाया जा सकता है। स्कन्दपुराण के अनुसार जो जातक फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिव पूजन, shiv pujan, जागरण और उपवास करता है उसे पुनर्जन्म से मुक्ति मिलती है।

सदैव आपके साथ हूं (प्रेरणादायक लेख )! Inspiring Post #Inspiring #VinodJiVlogs #Prernadayak

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Pls Visit Your Youtube Channel प्रेरणादायक कहानी (समय निकाल कर पढ़ना)  एक शहर में प्रतिवर्ष माता पिता अपने पुत्र को गर्मी की छुट्टियों में उसके दादा दादी के घर जरुर लेकर जाते थे,10-20 दिन सब वहीं रहते,और फिर लौट आते उनके दादा दादी भी उनका बेसब्री से पूरे वर्ष इन्तजार करते..               ऐसा प्रतिवर्ष चलता रहा बालक बड़ा हो गया,एक दिन उसने अपने माता पिता से कहा कि अब मैं अकेला भी दादी के घर जा सकता हूंँ,  तो आप मुझे अकेले को दादी के घर जाने दो..                  माता पिता पहले  तो राजी नहीं हुए परंतु बालक ने जब जोर दिया तो उसको सारी सावधानी समझाते हुए अनुमति दे दी ।                 जाने का दिन आया            पिता बालक को छोड़ने स्टेशन पर गए   ट्रेन में उसको उसकी सीट पर बिठाया फिर बाहर आकर खिड़की में से उससे बात की  उसको सारी सावधानियांँ फिर से समझाईं              बालक ने कहा कि मुझे सब याद है  आप चिंता मत करो                ट्रेन को सिग्नल मिला व्हीसिल लगी तब पिता ने एक लिफाफा पुत्र को दिया और कहा कि बेटा अगर रास्ते में तुझे डर लगे तो यह लिफाफा खोल कर इसमें जो लिखा उसको पढ़न

पिता की कहानी ! #Father #Pita #Papa

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पिता का जीवन कैसा होता है ? थोड़ी सी सफेदी कनपटियों के  पास, खुल रहा हो जैसे आसमां बारिश के बाद, जिम्मेदारियों के बोझ से झुकते हुए कंधे, जिंदगी की भट्टी में खुद को गलाता हुआ, अनुभव की पूंजी हाथ में लिए, परिवार को वो सब देने की जद्दोजहद में, जो उसे नहीं मिल पाया था, बस बहे जा रहा है समय की धारा में, *बीवी और प्यारे से बच्चों में* पूरा दिन दुनिया से लड़ कर थका हारा, रात को घर आता है, सुकून की तलाश में, लेकिन क्या मिल पाता है सुकून उसे ? दरवाजे पर ही तैयार हैं बच्चे, पापा से ये मंगाया था, वो मंगाया था, नहीं लाए तो क्यों नहीं लाए, लाए तो ये क्यों लाए वो क्यों नहीं लाए, अब वो क्या कहे बच्चों से, कि जेब में पैसे थोड़े कम थे, कभी प्यार से, कभी डांट कर, समझा देता है उनको, एक बूंद आंसू की जमी रह जाती है, आँख के कोने में, लेकिन दिखती नहीं बच्चों को, उस दिन दिखेगी उन्हें, जब वो खुद, बन जाएंगे माँ बाप अपने बच्चों के, खाने की थाली में दो रोटी के साथ, परोस दी हैं पत्नी ने दस चिंताएं, *कभी,* तुम्हीं नें बच्चों को सर चढ़ा रखा है, कुछ कहते ही नहीं, *कभी,* हर वक्त डांटते ही रहते हो बच्चों को

सच यह है..ढोल गंवार शूद्र पशु नारी । सकल ताड़ना के अधिकारी ।।

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। श्रीहरिः।   ढोल गंवार शूद्र पशु नारी । "सकल ताड़ना के अधिकारी"।। ------------------------------------ अभी श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई पर हंगामा मचा पड़ा है, हंगामा करने वाले पूरी चौपाई बता ही नहीं रहे, बस अंत की दो पंक्ति बताते फिर रहे हैं, क्योंकि उनका एजेंडा वहीं सेट हो रहा है, पंक्ति हैं-  ढोल गंवार सूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी पूरी चौपाई पढ़े तो समझ आएगा कि ताड़ना शब्द किस सन्दर्भ में प्रयुक्त हो रहा है। पूरी चौपाई इस प्रकार है- प्रभु भल किन्ह मोहि सिख दीनी मरजादा पुनि तुम्हरी किन्ही। ढोल गंवार सूद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी।। इस चौपाई की प्रथम पंक्ति में स्पष्ट हो रहा है कि प्रभु ने भला किया कि मुझे शिक्षा दी, अब इसी शिक्षा को कुछ अन्य तरह से तुलसीदासजी ने समझाने के लिए ढोल गंवार सूद्र पशु नारी का उदाहरण दिया। अब कुछ लोग कहेंगे कि चलो माना कि गंवार शुद्र और नारी को तो ताड़ना का अर्थ शिक्षित करना मान लेंगे परन्तु ढोल और पशु को कैसे शिक्षा दी जा सकती है ? दरअसल मेरा मानना तो यह है कि जो श्रीरामचरितमानस पर उंगली उठाता है, उसने न तो अवधी भाषा पढ़ी और न ह

बागेश्वर धाम की संक्षिप्त जानकारी।कहां,क्या,कैसे ? Bageshwar Dham #Bageshwardham #बागेश्वरधाम #vinodjivlogs

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🚩 जय महावीर 🚩 🚩बालाजी महाराज की जय🚩 आप सभी परम स्नेही बंधुओं को सादर प्रणाम  🙏 प्रभु महावीर की कृपा से श्री बागेश्वर धाम के बारे में संक्षिप्त वर्णन प्रेरणा.. बागेश्वर धाम कहां स्थित है-                 बागेश्वर धाम                  ग्राम- गढा                 पोस्ट- गंज                  जिला- छतरपुर                 मध्य प्रदेश में स्थित है । बागेश्वर धाम की महिमा-  ग्राम गढ़ा में स्थित “बागेश्वर धाम''जो प्रभू हनुमान जी की दिव्यता के लिए देश – विदेश में प्रसिद्ध है। कई तपस्वियों की दिव्य भूमि है बागेश्वर धाम, जहां लोगों को बालाजी महाराज की कृपा और आशीर्वाद दर्शन मात्र से ही मिल जाते हैं। यहां बालाजी महाराज एक अर्जी के माध्यम से सुनते हैं आपकी समस्या और धाम के पीठाधीश्वर पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज, जिसे दुनिया बागेश्वर धाम सरकार के नाम से संबोधित करती है, के माध्यम से समाधान करवाते हैं। श्री बालाजी महाराज के अनन्य भक्त एवं संन्यासी बाबा के कृपा पात्र और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर परम पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी के श्रीमुख से होने